हाँ मैं SALESMAN हूँ
COMPANY का संवाद हूँ
PRODUCT की आवाज़ हूँ
विश्वास की पहचान हूँ
हाँ मैं SALESMAN हूँ।
कश्ती का मांझी हूँ
CUSTOMER का साथी हूँ
COMPANY का सारथी हूँ
हाँ मैं SALESMAN हूँ।
विश्वाश का दूसरा नाम हूँ
CUSTOMER की मुस्कान हूँ
संघर्षो का सुल्तान हूँ
हाँ मैं SALESMAN हूँ।
फिरता हूँ ज्येष्ठ दुपहरी में
भींगता हूँ बारिश की बूँदो में
ठिठुरता हूँ सर्दियों की शीतलहरी में
टहलता हूँ शहर की गलियों में
हाँ मैं SALESMAN हूँ।
कुछ ने हमें बदनाम किया
काम को बेईमान किया
झूँठ से सरोकार किया
शब्दो से तिरस्कार किया
पर मैं धैर्य की मिसाल हूँ
लावा की धार हूँ
COMPANY का जवाब हूँ
हाँ मैं SALESMAN हूँ।
गर्व है कर्म पर
कर्म की पहचान हूँ
न देख तिरछी नज़रों से
मैं भी एक इंसान हूँ
तुच्छ समझने की भूल न कर
शिव की तीसरी आँख हूँ
उड़ते पंछी सा आज़ाद हूँ
हाँ गर्व से कहता हूँ
हाँ मैं SALESMAN हूँ। .......................................... अभय मिश्र "आज़ाद "