अटल आप अटल है, धरती के पटल पर
आपको को न संसद हिला सकी ,न कारगिल हिला सका
आप अपने मार्ग पर अटल होकर बढ़ते रहे
कुछ तुछ लोगो ने आपको देशद्रोही कहा
पर आपके चेहरे पर उसका कोई सिकन न हुआ
आप देश सेवा कर रहे थे आप देश सेवा ही करते रहे
जीवन के आखरी पड़ाव के ओर आप बढ़ते हुए
प्रखर मजबूत हो आप उभरते रहे
अपने विद्रोहियों को अपने वाडी से पराजित कर
आप आगे बढ़ते रहे
देश को उन्नत के मार्ग पर लेकर ,आप आगे बढ़ते रहे
अटल आप अटल है, दुनिया के इस पटल पर
लेखक :- अभय मिश्र "आजाद"
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