Saturday, March 29, 2014

Hum Bawafa The Is Liye humko ye saja mile,
Shayad Umhe Talash  The Kisi Bewafa Ki Thi
हम बावफ़ा थे इसलिए हमको ये सजा मिली ,शायद उन्हें तलाश थी किसी बेवफ़ा की 

उजाला नज़र नहीं आता

"चहु ऒर अँधेरे से घिर गया हु कही दूर तक उजाला नज़र नहीं आता
इस शहर मे कोई अपना नज़र नहीं आता "
लेख़क :-अभय कुमार मिश्र (आज़ाद )

मैंने पलट कर जवाब दिया

आज किसी ने  चन्द्रशेखर आज़ाद का फ़ोटो देख कर मुझसे कहा- ये कौन है ?
 मुझे थोड़ा दुःख हुआ और हँसी भी आई.…… मैंने पलट कर जवाब  दिया ये वो है जिन्हें ये देश भुला दे रहा हैं।  क्यों कि इनके नाम के आगे गाँधी नहीं लिखा हैं।
शायद आज लोग चन्द्रशेखर आज़ाद ,भगत सिंह ,राजगुरु,सुखदेव ,रामप्रसाद बिस्मिल ,अशफ़ाक उल्ला खान ,खुदीराम बोस ,गणेश शंकर विध्यार्थी ,दुर्गा  भाभी जैसे महान योद्धा को न ही जानना चाहते है और न ही मानना चाहते हैं पर कल भी वो महान थे और कल भी महान ही रहेगे। 
मुझे नहीं मालूम कि इस घटना पर मेरी प्रतिक्रिया क्या होनी चाहिए। पर ना  जाने क्यों दिल को दुःख हुआ।

" मिट गए आज़ाद,भगत,बिस्मिल इस देश के नाम पर
दुर्भाग्य देखो इस देश का
आज कोई  नाम लेने वाला भी नहीं,
नाराज नहीं होता वो शहीदे  आज़म, परेशान  है,
मुल्क़ को मुल्क़ वाले ही लूट गए।
कल रंज था उन गोरो से आज अपने ही अपनों से टूट गए।
मेरा भगत आसमां से देखता होगा ,आज़ाद से कह कर सिसकता होगा।
क्या हुआ उस मुल्क का जिस पर हम सब कुर्बान कर गए। 
……………………………… लेख़क :- अभय मिश्रा "आज़ाद"