कभी -कभी बैठे -बैठे तेरा इंतिज़ार कर लेता हू
तेरी उन पुरानी तस्वीरों से इज़हार कर लेता हू
ख्वाबो में ही सही तुमसे मुलाकात कर लेता हु
उन पुरानी यादों से ,फ़िर से प्यार कर लेता हू।
----------------------अभय कुमार मिश्र "आज़ाद "
KABHI-KABHI BAIDHE-BAIDHE TERA INTIZAAR KER LETA HU
TERE UN PURANE TASVEERO SE IJHAAR KER LETA HU
KWABO ME HI SAHI TUMSE MULAQAT KER LETA HU
UN PURANE YAADO SE, PHIR SE PYAR KER LETA HU.
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